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भगत सिंह
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“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Thursday, February 11, 2021

राजीव डोगरा 'विमल' ( कांगड़ा , हिमाचल प्रदेश ) : हर बार

हर बार

सोचकर तुमको
लिखता हूँ अपने जज्बात,
न चाहते हुए भी
टूट कर चाहता हूँ
तुमको हर बार।
सोच में मेरी
तुम हर पल ही रहे
मेरे पास।
पर जीवन पंथ में,
सुनकर औरों के बोल
हटते रहे तुम
मुझसे हर बार।
गला घोट कर भी
अपनी ख्वाहिशों का,
करता रहा तुमसे
मोहब्बत दिन और रात।
पर देखकर तुम
औरों की हंसी
दिल दुखाते रहे
मेरा हर बार।

राजीव डोगरा 'विमल', कांगड़ा हिमाचल प्रदेश

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