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भगत सिंह
भगत सिंह
भगत सिंह
भगत सिंह

“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Monday, February 15, 2021

डॉ सीमा भट्टाचार्य , बिलासपुर : मातृ वंदना

मातृ वंदना

हे मां शारदे वाग्देवी हृदय संग प्राण.
अर्पित सुभदे नत शत चरण वंदन

विद्या बुद्धि प्रज्ञा कृपा सदा प्राप्त.
पुष्प धूप दीप स्तोत्र अर्पित चंदन 

श्वेत वस्त्र वीणापाणि पदम अमृता
स्वर शब्द ज्ञान रूप संगीत अवृत्ता

रूप रस गंध स्पर्श ताल निनाद.
सत्य प्रियआरव मंडित सर्व इंद्रियाद

ज्ञान चेतना नृत्य नाट्य सुर गामिनी
शुक्लावर्णा पद्म विराजिता हंस वाहिनी

वसुधा महाभद्रा सावित्री सूरसा भारती सौम्या
ब्रह्माणी अश्वी अक्षरा  विशालाक्षी सरस्वती काव्या

परम अभीष्ट पूर्ति जीवन प्राप्त मातृ शरण
साष्टांग शीश अभिमुख कोटी नमन चरण

डॉ सीमा भट्टाचार्य , बिलासपुर

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