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भगत सिंह
भगत सिंह
भगत सिंह
भगत सिंह

“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Monday, December 24, 2018

दिनांक 23 दिसम्बर 2018 को अखिल भारतीय साहित्य परिषद जमशेदपुर के तत्वावधान में काव्य-गोष्ठी का आयोजन ।


दिनांक 23 - 12 - 2018 को श्रीमन क्लासेज, साकची के प्रांगण  में  अखिल भारतीय  साहित्य परिषद जमशेदपुर के तत्वावधान में काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया ।

29 - 30 दिसंबर 2018 को  होने वाली दो दिवसीय  5 राज्यों के साहित्यकार के  राष्ट्रीय सम्मेलन एवं कार्यशाला के रूपरेखा पर चर्चा हुआ ।

संस्था की आगामी कार्य योजना एवं कार्यक्रम की रूपरेखा पर चर्चा की गई।


इस अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद् जमशेदपुर ईकाई के संरक्षक जयंत श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे तथा समाज मे मानव मूल्यों के स्तर मे आई  गिरावट को चिंता जनक कहा ।



शैलेन्द्र पाण्डेय की अध्यक्षता मे 
संगठन मंत्री उमा सिंह किसलय ने  विषय प्रवेश कराया एवं  काव्यो गोष्ठी का संचालन किया  ।

गोष्ठी में शैलेन्द्र पाण्डेय ' शैल ', उमा सिंह किसलय , अजय कुमार , डॉ अनीता शर्मा , बसंत कुमार , सोनी सुगंधा ,मामचंद अग्रवाल , दीपक वर्मा , सूरज सिंह राजपूत , शशिकांत ओझा शशी ,हरेराम राय उपस्थित रहे 

कार्यक्रम के अंतिम चरण में सोनी सुगंधा ने आभार ज्ञापन कर कार्यक्रम के समापन की घोषणा की ।

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