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भगत सिंह
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“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Monday, February 15, 2021

कविता : राजेश देशप्रेमी , ( जमशेदपुर , झारखंड ) : सत्य मरता नहीं

सत्य मरता नहीं

वक्त के साथ 
जो बदलता चाल
बेचता ईमान
आज वहीं कामयाब
जो वक्त के साथ
बदलता नहीं चाल
अड़ा रहता सत्य के साथ
टूट कर जाता बिखर
सत्य के राह में कांटा ही कांटा
मगर यह जानते - समझते भी
सत्य के राही छोड़ते नहीं राह
लड़ते - मरते चलते रहते
निरंतर घाटा - चाटा सहते
इस विश्वास के साथ
सत्य मर कर भी मरता नहीं
बिखेरता रहता खाद
दिखाता रहता आईना
उतारता रहता झूठ का नकाब
सत्य के प्रताप का ही कमाल
बची हुई है आज इंसानियत
डगर रही है दुनिया
खिल रहे नये - नये फूल ।

राजेश देशप्रेमी , ( जमशेदपुर , झारखंड )

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