राष्ट्र चेतना क्या है ?
एक
विचारधारा
जो जन को जन से जोड़ कर समाज व राष्ट्र हित की प्रखर भावना
को मजबूत करती
है ।
यह पत्रिका किसी व्यक्ति
या किसी राजनीतिक
दल के विचारों
से प्रेरित नहीं
बल्कि यह विचारों में विविधताओं के बीच राष्ट्र चेतना के लिये एक सरल व सुगम मार्ग
तलाशती है ।
सशक्त
युवा देश की शक्ति है किन्तु आधुनिकता
के मध्य युवा
वर्ग में बढते
एकाकीवाद के कारण समाजहित
जैसे भावों में निरंतर गिरावट
आ रही है जो चिन्तन
का विषय है ।
राष्ट्र
एक संगठित समूह
है और इसके
मूल में अवाम जिस पर राष्ट्र का भविष्य
निर्भर करता है ।जन से जन के बीच स्वस्थ परिवेश के लिए वैचारिक
चेतना जगाना ही पत्रिका "राष्ट्र चेतना " का मूल मंत्र है ।
जय हिन्द
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