माँ हूँ ना इसीलिए शायद ममता की सज़ा दोगे
!
क्या फायदा आज पूजते हो कल
जला दोगे
आठवें दिन बाद ही मूर्ती
को गंगा में बहा दोगे ।
बहुत कहते हो मां, बहन, बेटी,
पत्नी है औरत
माँ हूँ ना इसीलिए शायद ममता
की सज़ा दोगे ॥
बना कर शक्तिस्वरूप मेरा
ही आस्तित्व मिटाते हो
मत कहो पूजनीय,इससे सच्चाई
का पता दोगे ।
क्यूँ कहते हो बेटी बचाओ बेटी पढाओ समाज में
जब पता चलेगा बेटी का, गर्भ
में ही मिटा दोगे ॥
सोना बाबु करने वाली बहुत
पसन्द है तुम्हे पता है
प्रेमिका तो ठीक, पत्नी बनूँगी
तो सब जता दोगे ।
बना कर दुल्हन बस पैदा करने
के लिए "बाद"
घर की सजाई हुई मूर्ती की
तरह बना दोगे ॥
तुम कहते हो इज्जत होती है
घर की बेटी साहब
घर से निकल कर किसी को भी
वैश्या बना दोगे ।
क्या फायदा आज पूजते हो कल
जला दोगे
आठवें दिन बाद ही मूर्ती
को गंगा में बहा दोगे ॥
प्रिया सिंह, लखनऊ
Nice
ReplyDeleteThank You
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