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भगत सिंह
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“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Monday, June 17, 2019

सोच समझ पर ताला है - ( श्यामल सुमन )

सोच समझ पर ताला है
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एक बार में कहना मुश्किल कौन यहाँ दिलवाला है
देख चमक दर्पण के आगे पर पीछे से काला है

काम बुरा, अच्छा ना सोचा भरा खजाना दौलत का
खुद के बाहर देख सका ना सोच समझ पर ताला है

कुदरत भी अब हुई प्रभावित देख सियासत की गरमी
पेड़ बहुत कम शीतल छाया ना कोई पनशाला है

गिनती धनवानों की सिमटी और गरीबी पसर रही
कुछ घर में दिवाली होती बाकी सब दिवाला है

आनेवाली पीढ़ी को हम क्या सौगात यही देंगे
अवसर सुमन जहाँ मिल जाए लूट रहा मतवाला है

श्यामल सुमन

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