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भगत सिंह
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“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Monday, June 17, 2019

माँ से बड़ी दवा है कोई ? - ( श्यामल सुमन )

माँ से बड़ी दवा है कोई ?
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माँ से अर्थ बड़ा है कोई?
और शब्द छोटा है कोई?

रहते बच्चे माँ के दिल में
दूजा और पता है कोई?

भूल करे बच्चे, माँ कहती
इसकी कहाँ खता है कोई?

बाप क्रोध में तब माँ कहती
इसकी भला सजा है कोई?

मोल सभी का पर माँ धूरी
उनके और शिवा है कोई?

माँ की गोदी में बन बच्चा
इससे जुदा मजा है कोई?

जीवन में जो कष्ट सुमन को
माँ से बड़ी दवा है कोई?

श्यामल सुमन

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