नहीं मरेगा रावण ( राजेश देशप्रेमी, जमशेदपुर ) |
नहीं मरेगा रावण
सुबह से शाम हो गई
निकला नहीं गुबार
मन अब भी भभक रहा
देख तमाशा दुनिया
का
रावण दहन के नाम पर
रावण जला रहे शान
से
भारी - भरकम पुतला
रावण दहन के नाम पर
दिखला रहे अपना रूतबा
लेकिन जलते पुतले
पर
दर्द नहीं, दिख रही
खुशी
पुतला, लोगों की मूर्खता
पर
लगा रहा ठहाका पर
ठहाका
चिल्ला - चिल्ला कर
कह रहा
जलाने से नहीं कोई
फायदा
मैं अकेला नहीं धरती
पर
जन - जन में आज मेरा
स्थान
जब तक मन में रहेगा
रावण
तब तक पुतला जलाने
से
कभी, कभी नहीं मरेगा
रावण ।
© राजेश देशप्रेमी,
जमशेदपुर ( झारखंड )
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