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भगत सिंह
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“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Thursday, February 11, 2021

राजेश देशप्रेमी , ( जमशेदपुर , झारखंड ) : पहेली

पहेली

जीवन अजब पहेली
न खास, न ही फकीर
पेंडूलम सा झूलता
हर वक्त जोड़ते, जुटाते
कट रही गजब जिंदगी
न दिन में चैन, न रात में नींद
कल की चिंता में बेचैन मन
कभी डराये, कभी बधायें धैर्य
मत हो अधीर आम आदमी
मर - मर, डर - डर, खट - खट
जिंदगी जी तो रहे हो
क्या यह कम बड़ी बात हैं
सोचों, देखों देश की हालत
कोई खा - खा, कोई भूख से
रोज मर रहा है आसपास
तुम जिंदा हो, क्या यह कम है
हालत के लिये कोई और नहीं
तुम, सिर्फ तुम जिम्मेदार हो
तुम्हारी चुप्पी, चुनाव, कायरता
तुम्हारे दुख का कारण है
जिस दिन तोड़ दोगे चुप्पी
छोड़ दोगे कायरता
खोजने लगोगे हक
सब कुछ होगा तुम्हारे पास
लेकिन यह सब पाने के लिये
तुम्हें तोड़नी होगी चुप्पी
विरोध में लहराने होंगे हाथ
स्वार्थ का छोड़ना होगा साथ ।

राजेश देशप्रेमी , ( जमशेदपुर , झारखंड )

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