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भगत सिंह
भगत सिंह
भगत सिंह
भगत सिंह

“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Thursday, February 11, 2021

डॉ. सीमा भट्टाचार्य , बिलासपुर || अनुरक्ति

अनुरक्ति
 
रुप दरस प्रेम सनी 
अनंत  आकांक्षा मूक मौनी ।
हृदय स्थित तुलसी मंजरी
 छवि दर्शाती नयन सीकरी। 
शांत शैशव हुआ तरुण 
स्मृति रंगती  पट अरुण। 
चढ़ता ज्वर प्रेम का
सहस्त्र सूर्य  तेज सा। 
ह्रदय पास बजता शंख 
स्पृहा उड़ते मुक्त पंख। 
मन मयूरी मुग्ध विभोर 
अशेष खींचें प्रबल डोर। 
भाषित होता नूतन सोपान
 प्रेम गाता परिपक्व गान। 
अलिप्त भी लिप्त अनुपम
 संज्ञान  निज अंश सम।

डॉ. सीमा भट्टाचार्य , बिलासपुर

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