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भगत सिंह
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“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Sunday, December 16, 2018

प्रेमलता ठाकुर को मिला " भारत गौरव " सम्मान ।



13 -14 दिसंबर को उज्जैन में विक्रमशिला हिन्दीविद्यापीठ का 22 वां सारस्वत सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ  जिसमे में झारखंड की प्रेमलता ठाकुर को  मिला  " भारत गौरव " सम्मान से सम्मानित किया गया ।

इसमे देशभर से आए  लगभग 200 विद्वान प्रोफेशर  शिक्षक लेखक संपादक रचनाकार  आदि प्रतिभागियों को  उनके उल्लेखनीय योगदान पर  विभिन्न उपाधियों से सम्मानित किया गया जिसमे कवि रत्न  विद्यावाचस्पति ,विद्या सागर भाषा गौरव सम्मान ,भारत गौरव सम्मान  आदि से विभूषित किया गया। 


समारोह में झारखंड की दो महिला रचनाकार  सम्मानित हुई ।प्रेमलता ठाकुर तथा एक अन्य झारखण्ड धनबाद से भी थी।

विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ गुरुकुल और विद्यापीठ की परंपरा में स्थापित एक विद्यापीठ है यह अपनी संवैधानिक संरचना के अन्तर्गत एक स्वैच्छिक हिंदी सेवी संस्था है जो सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1960 के अधीन निबंधित है ।इसकी निबंधन संख्या 244 /1982-83 है । यह सरकार द्वारा स्वीकृत नियमावली के अनुसार हिंदी के विकास और संवर्धन के लिए कार्य करती आ रही है।
भारतीय अधिनियम के अंतर्गत भारतीय संस्कृति के विकास के लिए उल्लेखनीय राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय दिवसों समारोह जयन्तियों पूण्य तिथियों का आयोजन करना विद्यापीठ की प्रमुख प्रवृतियां है ।इसी के अंतर्गत हिंदी सेवी हिंदी साहित्य में उल्लेखनीय योगदान करने वाले रचनाकारों को समय समय पर  सम्मानित भी करती है ।

विद्यापीठ के सफल संचालन हेतु पन्द्रह सदस्यीय संचालन मण्डल है जिनमे अधिष्ठाता ,कुलाधिपति, कुलपति कुलसचिव आदि प्रतिनिधि सदस्य है ।


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