देकर जरा उधारी देखो।
फिर उसकी लाचारी देखो.।।
मत हथियार निकालो, पहले
दुश्मन की तैयारी देखो.।।
फिर उपदेश मुझे तुम देना
पहले दुनियादारी देखो..।।
मुख पर बातें हैं मुख देखी
पीछे चलें कटारी देखो..।।
तिरस्कार मिलता है अक्सर
वृद्धों की लाचारी देखो..।।
तुम नितान्त अपने बलबूते
पर अपनी दुश्वारी देखो..।।
समीर द्विवेदी 'नितान्त' , ( कन्नौज , उत्तर प्रदेश )
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