आपका हार्दिक स्वागत है !!

भगत सिंह
भगत सिंह
भगत सिंह
भगत सिंह

“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Thursday, January 10, 2019

दो दिवसीय प्रान्तीय सम्मेलन , झारसुगुड़ा ओडीसा


अखिल भारतीय साहित्य परिषद् द्वारा दो दिवसीय पाँच राज्यों के प्रान्तीय सम्मेलन का आयोजन 29 - 30 दिसम्बर 2018 को जिसका आयोजन झारसुगुड़ा ओडीसा मे किया गया था ।


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में 

श्री श्याम सुन्दर खंडेलवाल ( शिशु मंदिर अध्यक्ष ब्रजराज नगर( ओडिसा ) )

डॉ श्रीराम परिहार ( राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य परिषद् )

डाॅ बिनय राजाराम ( अखिल भारतीय साहित्य परिषद् )

डॉ संजय पंकज ( राष्ट्रीय मंत्री अखिल भारतीय साहित्य परिषद् ) उपस्थित रहें ।

संस्कृति के विरासत को सहेजना समय कि मांग : डॉ संजय पंकज



डॉ संजय पंकज ने कहा संस्कृति के विरासत को सहेजना समय कि मांग है । युवा वर्ग व बुजुर्गों में समन्वय पर जोर देते हुए कहा कि अगर युवा वर्ग अपने बुजुर्गों के अनुभव का उपयोग कर राष्ट्र को सर्वोच्च शिखर तक ले जा सकता है । उन्होने कहा राष्ट्र के निर्माण में हमारा योगदान मात्र हो लक्ष्य ।

मातृभूमि, मातृभाषा माता  सर्वोपरिडॉ श्रीराम परिहार

डॉ श्रीराम परिहार ने कहा चिन्तन करें चिंता नहीं है साथ ही उनहोंने मातृभूमि, मातृभाषा व माता को सर्वोपरि कहते हुए राष्ट्रवाद के हित हेतु प्राण तक को तयागना पडे तो त्याग करने मे तनीक भी संकोच नहीं करना चाहिए, संकोच हमारे आत्मविश्वास में हीन भावना उतपन्न करता है । मातृभूमि, मातृभाषा व माता  के रक्षा हेतु जो कभी शस्त्र उठाना पड़ा तो उठाओ इतिहास गवाह है बिना शस्त्र शास्त्र का भी रक्षा संभव नहीं है ।  सच्ची लगन व छल रहीत भाव से लक्ष्य प्राप्ति के लिए कार्य किया जाय तो सफलता मिलेगी ही याद करो रामायण श्री राम जी  व श्री लक्ष्मण जी दोनों भाईयों ने सम्मान के रक्षा हेतु रावण तक से लडे न सिर्फ लडे वह विजय भी हुये यह जित थी आत्म विश्वास कि सच्ची भावनाओं कि हमे इससे सीखना चाहिए ।


सफलता एक सकारात्मक सामूहिक प्रयास : श्री श्याम सुन्दर खंडेलवाल 


श्री श्याम सुन्दर खंडेलवाल ने कहा सफलता एक सकारात्मक सामूहिक प्रयास है जो मानव मूल्यों को निखारती है ।निष्ठा असुविधा मे भी संयम से सुविधा तलाश लेती है ।


अपनत्व को निखारती है त्योहार : डाॅ बिनय राजाराम


विनय राजाराम ने कहा कि समाज मे अपनत्व को निखारती है त्योहार, उनहोंने कहा कि हमारे जीवन में त्योहारों का एक बिशेष महत्व है हर त्योहार से एक प्रेरणा दायक ज्ञान छिपा होता है ।


स्वयं को पहचानो : नायक


उद्घाटन सत्र को संचालित करते हुए साहित्य परिषद के पूर्व क्षेत्र संगठन मंत्री श्री नारायण नायक ने चारों राज्य से आये हुए सभी साहित्यकारों का स्वागत हुए  अतिथि और अधिकारियों के द्वारा दीप प्रज्वलन हेतु सब को मंच पर आमंत्रित किया  

ब्रजराजनगर शिशुमन्दिर छात्र छात्राओं के द्वारा सरस्वती वन्दना तथा स्वागत गीत "सर्वेषां नो जननी भारत" के बाद मंच संचालन करते हुए श्री नारायण नायक ने वहाँ उपस्थित सभी  अधिकारियों का संछेप में परिचय दिया

इस अवसर पर स्वागत भाषण देते हुए सभी राज्यों के साहित्यकारों का आभार व्यक्त करते हुए जिन प्रमुख लोगों का सहयोग मिला  समाजसेवी श्री अशोक पाढ़ी, साहित्यकार प्रणति पटनायक, श्री खंडेलवाल जी का विशेष आभार व्यक्त किया


तुम अदभुत हो अदभुत है तुम्हारी क्षमता : स्वामी राजदेव भारती



कवि सम्मेलन में पाँच राज्यों से आये साहित्यकारों ने कविता पाठ किया ।

कवि सम्मेलन का संचालन श्रीमती शिवप्रिया मिश्रा ने डॉ वीना राजाराम कि अध्यक्षता में किया ।


उमा सिंह किसलय  (झारखण्ड), सोनी सुगंधा (झारखण्ड ), संजुत्का परिध्धा ( ओडिसा ), सबिता भोई ( ओडिसा ), नवल किशोर सिंह, बिहार , गुड्डू कुमार सिंह, बिहार , शिव चंद्र कलाकार, बिहार , सूरज सिंह राजपूत ( झारखण्ड ) , रश्मि किरण, बिहार , सुमिता राय, बिहार , अनुपम कुमारी, बिहार , बिर्यज्ञ्य नारायण ( ओडिसा ), . संतोष कुमार पाद( ओडिसा ) , श्री राम चन्द्र पटेल ( ओडिसा ), शैलेन्द्र पाण्डेय  (   झारखण्ड  ) , कुमारी मीरा रानी, बिहार , भैरो भास्कर ( झारखण्ड ) , वसन्त कुमार ( झारखण्ड ) , चन्द्रकांत त्रिपाठीझारखण्ड ) , कुमार मनीष  ( झारखण्ड )  ,श्रीनिवास घोष ( पश्चिम बंगाल ) , मनोवोष मिनि ( पश्चिम बंगाल ) , शिल्प मंडल ( पश्चिम बंगाल )  , डॉ देवाशीस मुखर्जी ( पश्चिम बंगाल ) , महादेव घोष ( पश्चिम बंगाल ) , डॉ आनंद बंधु ( पश्चिम बंगाल ) , डॉ रमेश पत्री (ओडिसा), रंकमणि बारिक (ओडिसा) , दीपक वर्मा ( झारखण्ड ) आदि साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं से कवि सम्मेलन में सब को मंत्र मुग्ध कर दिया  



1 comment: