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भगत सिंह
भगत सिंह
भगत सिंह
भगत सिंह

“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Wednesday, January 23, 2019

बिहार : मुक्तिनिकेतन द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन



बिहार : मुक्तिनिकेतन भागलपुर  कटोरिया,बाँका (बिहार) द्वारा पौंतीसबाँ त्रिदिवसीय संस्थापना दिवस समारोह के अवसर पर दिनांक 20 जनवरी 2019 को आयोजित कवि सम्मेलन :

कवि सम्मेलन का संचालन झारखण्ड से आये नामचीन व्यंगकार श्री दीपक वर्मा ने प्रख्यात रचनाकार डॉ संजय पंकज जी के अध्यक्षता में किया जहाँ तमाम बहुचर्चित साहित्यकारों ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को लबरेज कर दिया  । कवि सम्मेलन के प्रारम्भ में  सोनी सुगंधा ने अपने सुमधुर स्वर में माँ सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की ।

साहित्यकारों के नाम कुछ पंक्तियों के साथ :

डॉ संजय पंकज
" बोल कबीरा कौन घाट पर जागे - जागे तुमने रात बितायी
बाट तुम्हारे जोह रहा था  . . . "

श्री शैलेन्द्र पाण्डेय ' शैल '
" कृष्ण भी अब न नटखट रहा आज कल और मीरा भी वैसी दिवानी नहीं "

श्री चंद्रकांत त्रिपाठी ' चंदन '
" सीमाओं से लाशे आती
सबकी आँखे नम हो जाती "

सोनी सुगंधा
" बेटियाँ , बेटियाँ  , बेटियाँ , बेटियाँ
बेटियाँ सबके गुलशन की नाजुक कली "

श्री दीपक वर्मा
" खुशनसीब है हम जो तेरे शहर में आ गये "

श्री सूरज सिंह राजपूत
" छोड़कर ऐ मुझे जाने वालों
वेवफा भी मुझे हीं कहोगे "

श्री शशि ओझा
" जो हो रहा था वो भी होने नहीं देंगे
काश्मीर में बारूद अब बोने नहीं देंगे "

श्री कुमार मनीष
" यूँ माहौल वो हरबार बना देता है
कलम तराश के तलवार बना देता है "

श्री राजेश्वर कुमारी
" बचपन बचपन बचपन अकालियों का आंगन
नन्हे कदमों से जो बयां हो हमजोलियों का आंगन "

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