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भगत सिंह
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“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Saturday, December 8, 2018

जमशेदपुर भोजपुरी साहित्य परिषद् के द्वारा काव्य संध्या का आयोजन किया गया ।



झारखंड : दिनांक 8 दिसम्बर 2018 को तुलसी भवन में जमशेदपुर भोजपुरी साहित्य परिषद् के द्वारा काव्य संध्या का आयोजन किया


दिनांक 8 दिसम्बर 2018 को तुलसी भवन में जमशेदपुर भोजपुरी साहित्य परिषद् के द्वारा काव्य संध्या का आयोजन किया गया जिसमें दिल्ली से पधारे अतिथि साहित्यकार के रूप में श्री जलज कुमार मिश्र की उपस्थिति वांछनीय रही ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री श्रीराम पाण्डेय ' भार्गव ' ने किया । कार्यक्रम का संचालन डॉ संध्या सिन्हा तथा धन्यवाद ज्ञापन श्री वरूण प्रभात द्वारा किया गया । कार्यक्रम के प्रारंभ में जमशेदपुर भोजपुरी साहित्य परिषद् के प्रधान सचिव डॉ अजय कुमार ओझा ने उपस्थित साहित्यकारों का तहे दिल से स्वागत किया । अतिथि साहित्यकार श्री जलज कुमार मिश्र ने संबोधन में बाल साहित्य पर जोर दिया साथ ही अध्यक्ष के रूप में बोलते हुए श्री भार्गव जी ने कहा कि भोजपुरीया माटी, भोजपुरी भाषा का अपना अलग तासीर और तेवर होता है ।


इस अवसर पर काव्य पाठ करने वाले साहित्यकारों में सर्वश्री वीणा पाण्डेय, वरूण प्रभात , डॉ संजय पाठक ' स्नेही ' , शकुन्तला शर्मा, नीलिमा पाण्डेय, राजेंद्र राज, सुरेश चंद्र झा, ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र, कैलाश नाथ गाजीपुरी, प्रतिभा प्रसाद, श्यामल सुमन, जितेश तिवारी, सोनी सुगंधा, आशुतोष चौबे, अमित पाण्डेय, उमेश चतुर्वेदी, रविरंजन कुमार सिंह, प्रिय रंजन मिश्र, अरूणेन्दु, शिवनन्दन प्रसाद, सूरज सिंह राजपूत आदि प्रमुख थे ।

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