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भगत सिंह
भगत सिंह
भगत सिंह
भगत सिंह

“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Monday, January 25, 2021

बलजीत सिंह बेनाम , ज़िला हिसार ( हरियाणा ) : ग़ज़ल

ग़ज़ल

फ़ोन पर ज़ाहिर फ़साने हो गए
ख़त पढ़े कितने ज़माने हो गए

ऐब इक पाला फ़क़त हमने मियाँ
चार सू अपने ठिकाने हो गए

बेटियाँ कोठों की ज़ीनत बन गयीं
किस क़दर ऊँचे घराने हो गए

इश्क सोचे समझे बिन कर तो लिया
नाज़ अब मुश्किल उठाने हो गए

घर में फिर सजने लगेंगीं महफिलें
दिन अगर तेरे सुहाने हो गए

बाँट कर नफ़रत मिली नफ़रत मगर
प्यार से हासिल खज़ाने हो गए

जानते कमज़ोरियाँ माँ बाप की
आज के बच्चे सयाने हो गए

बलजीत सिंह बेनाम , ज़िला हिसार ( हरियाणा )

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