भारत माता की महिमा की,बात सुनाते हैं।
आज़ादी के मधुर तराने,नित हम गाते हैं।।
ख़ून बहा,क़ुर्बानी देकर,
जिनने फर्ज़ निभाया
वतनपरस्ती का तो जज़्बा,
जिनने भीतर पाया
हँस-हँसकर जो फाँसी झूले,वे नित भाते हैं।
आज़ादी के मधुर तराने,नित हम गाते हैं।।
सिसक रही थी माता जिस क्षण,
तब वे आगे आए
अपना जो घरबार छोड़कर,
शौर्यराह पर धाए
ब्रिटिश हुक़ूमत से लोहा लेने,निज प्राण गँवाते हैं।
आज़ादी के मधुर तराने,नित हम गाते हैं।।
आज़ादी पाई जो हमने,
उसको पोषित करना
हर जन,नित सुख से रह पाए,
सबका दुख है हरना
हर भारत के वासी में हम,देशभाव पाते हैं।
आज़ादी के मधुर तराने,नित हम गाते हैं।।
प्रो(डॉ) शरद नारायण खरे
प्राचार्य
शासकीय जेएमसी महिला महाविद्यालय
मंडला,मप्र - 481661
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