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भगत सिंह
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“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Thursday, October 24, 2019

वक्त ( डोमन निषाद, बेमेतरा, छत्तीसगढ़ )



शीर्षक - वक्त

वक्त दुबारा नहीं आयेगा,
बदलना पड़ेगा स्वयं को।

न रूठो दूसरो के लिए,
खुद का आइना देख लो।

मंजिल नहीं मिलती यूं ही,
तलाशना पड़ता है, राह को।

कभी गिरकर कभी उठकर,
चलना होता है राहगीर को।

उम्मीद के बीज उगाये रखना,
मन में ढृंढ संकल्प ठान लो।

क्रोध की लय को बुझने देना,
पर हिम्मत न हारो, वक्त आने दो।

© डोमन निषाद, बेमेतरा, छत्तीसगढ़

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