जज्बा लिये एक नौजवान का वों जुनून थे
मातृ भूमि के आंचल का जोशीला खून थे ।
जीवन देके धरा को दिया नव उजाला
सोते भारत को झकझोर के रख डाला
सफर चला बोस बनके नेता जी तक आया
जिसके जज्बे के आगे शत्रु नत मस्तक पाया
मांगा हर हिंदुस्तानी का जोश और खून
आजाद हिंद फौज मलाया से पहुँची रंगून
गांधी को राष्ट्र पिता से प्रथम संबोधन दिये
आजादी के खातिर जापान जर्मनी से मिले
त्रिपुरी सम्मेलन के बने कुछ पल अध्यक्ष
रास न आया भारतीय कांग्रेस का ये कक्ष
दिल्ली चलो,फारवर्ड ब्लॉक पार्टी बनाया
आजादी के लिये संघर्ष की टोपी पहनाया
एमली शेंकल पल भर के लिए पत्नी बनी
नाम पाने को एक बच्ची फाफ भी थी जनी
इग्यारह बार इनको जेल कारावास हुआ
तब जाके फिरंगियों को भी एहसास हुआ
धन्य हुई उड़ीसा की उनसे कटक नगरी
जन्म लिए उनके लालन पालन से भरी
तुम दिल मे बसे हो सबके हे बलिदानी
तिरंगे में रहेंगी त्याग तपस्या और कुर्बानी
महान वो माँ बाप जिनका ये खून थे
जज्बा लिये एक नौजवान का जुनून थे।।
उमाकान्त यादव उमंग
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