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भगत सिंह
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“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Monday, January 25, 2021

सरोज सिंह परमार ( झारखंड ) : सुभाष चंद्र बोस

सुभाष चंद्र बोस

आजादी के दीवाने थे। 
जय हिंद के नारे से, 
जोश भरा जवानों में,

अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ
गठन किया, आजाद हिंद फौज। 
आजादी के हवन कुंड में, 
जोश भरा था जवानों में,

" तुम मुझे खून दो, 
 मैं तुम्हें आजादी दूंगा"
ऐसे ओजपूर्ण नारों से, 
उखाड़ फेंके थे अंग्रेजों को।
प्रश्न पूछता है सारा संसार ? 
सत्ता की ऐसी क्या थी मजबूरी ? 
 किस षड्यंत्र के हुए थे शिकार। 
बरसों बीत गए, हत्या थी या मृत्यु।

 आप की गौरव गाथा को, 
 सुनाएंगे अपनी संतानों को, 
आजादी के महानायक को
 देश नमन करता है। 
शत-शत नमन बारंबार नमन।
                        
सरोज सिंह परमार ( झारखंड )

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