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भगत सिंह
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“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Saturday, January 16, 2021

निमिष टण्डन , फर्रुखाबाद : यादें तुम्हारी गज़ल हो गई है


यादें तुम्हारी गज़ल हो गई है ।
समस्यायें सारी सरल हो गई है ।।

हर शै में लगता कि तुम ही बसे हो ।
तुम्हें देख आँखे सजल हो गई है ।।

बसे ही रहो आप दिल मे हमारे ।
भावनाये सारी विमल हो गई है ।।

तुम्ही एक साँचे हो प्रियतम हमारे ।
तेरे बिन तो खुशियां गरल हो गई है ।।

मिलता रहे बस सदा प्यार तेरा ।
तभी दिल की आहें तरल हो गई है ।।

मुझे हर "निमिष"बस तेरी याद आये ।
चले आओ चाहें विकल हो गई है ।।

निमिष टण्डन , फर्रुखाबाद

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