आप
सब को यह बताते
हुए अपार हर्ष का अनुभव हो
रहा है कि मैं
अपनी पत्रिका "राष्ट्र चेतना" को बहुत जल्द
आप सब के मध्य
लाने वाला हूँ ।
राष्ट्र
चेतना - एक
विचारधारा जो जन को
जन से जोड़ कर
समाज व राष्ट्र हित
की प्रखर भावना
को मजबूत करती
है ।
यह
पत्रिका किसी व्यक्ति या किसी राजनीतिक
दल के विचारों से
प्रेरित नहीं बल्कि यह
विचारों में विविधताओं
के बीच राष्ट्र चेतना के लिये एक
सरल व सुगम मार्ग
तलाशती है ।
सशक्त
युवा देश की
शक्ति है
किन्तु आधुनिकता के मध्य युवा
वर्ग में बढते एकाकीवाद के कारण समाजहित जैसे भावों में
निरंतर गिरावट आ रही है
जो चिन्तन
का विषय है ।
राष्ट्र
एक संगठित समूह है और इसके
मूल में अवाम
जिस पर राष्ट्र का
भविष्य निर्भर करता है ।जन से
जन के बीच स्वस्थ परिवेश के लिए वैचारिक चेतना जगाना ही पत्रिका "राष्ट्र
चेतना " का मूल मंत्र
है ।
" राष्ट्र
चेतना पत्रिका "
पत्रिका
का यह अंक विशेष
कर किसान, बेबस और बेजुबानों की
आवाज, समानता आदि जैसे विषयों पर केंद्रित रहेगा,
राष्ट्रहित सर्वोपरि
है ।
इस पत्रिका को प्रकाशित करने का मुल उद्देश्य साहित्य जगत की उभरती प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करना है । उनकी सृजनशीलता को प्रोत्साहित करना है जो भविष्य मे अपनी लेखनी के माध्यम से राष्ट्र की अस्मिता की रक्षा कर सकें ।
इस पत्रिका को प्रकाशित करने का मुल उद्देश्य साहित्य जगत की उभरती प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करना है । उनकी सृजनशीलता को प्रोत्साहित करना है जो भविष्य मे अपनी लेखनी के माध्यम से राष्ट्र की अस्मिता की रक्षा कर सकें ।
यह
पत्रिका नयी नयी प्रतिभाओं को
सम्मान देने हेतु ,
सम्मान प्रतिभा का कालम में किन्ही दो नये रचनाकारों के कविता या कहानी को भी प्रकाशित किया जायेगा ।
) के द्वारा भेज सकते है ।
धन्यवाद
संपादक - सूरज सिंह राजपूत
06201034573
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