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भगत सिंह
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“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Thursday, February 11, 2021

बिनोद बेगाना जमशेदपुर , झारखंड : ज़िन्दगी


ग़ज़ल : ज़िन्दगी

हर दौरे सफर में रहे ,आबाद ज़िन्दगी।
करती है रब से बस यही,फरियाद ज़िन्दगी।

चलती है कभी दूसरों,की रहनुमाई में,
बनती है कभी खुद ही,उस्ताद ज़िन्दगी।

इंसां में अगर प्यार-मोहब्बत नहीं बाकी,
हम मानते हैं उसकी,जल्लाद ज़िन्दगी।

नेमत खुदा की जानिए,हम सब की ज़िंदगी,
बुरी चाहतों से होती है,बर्बाद ज़िन्दगी।

मिलजुल के बांट लें,गम ओ खुशियां परस्पर,
न कीजिए किसी की,नाशाद*ज़िन्दगी। (नाखुश)

बिनोद बेगाना
जमशेदपुर , झारखंड

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