ओ बिटिया मेरी
तू हंसती रहे
फूलों सी हरदम खिलती रहे
तू जब दौड़े इस आंगन में
झंकार खुशी की मिलती रहे
ओ बिटिया मेरी
ओ बिटिया मेरी
आंखों में तेरी
सपनों की नगरी सजती रहे
पूरे हों हर अरमान तेरे
आहट कदमों की बजती रहे
ओ बिटिया मेरी
तू आगे बढ़े
न कदम तेरे कोई रोक सके
हरदम हम सब है साथ तेरे
कोई तुझको कभी ना टोक सके
ओ बिटिया मेरी है
तू जान मेरी
हर पल यह तुझको याद रहे
तू लाखों में एक बने
एक दिन तू ऐसा नेक बने
नीलम पाठक ठाकुर
जमशेदपुर, झारखंड
Very nice👌
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