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भगत सिंह
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“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Monday, December 28, 2020

ओ बिटिया मेरी ( नीलम पाठक ठाकुर , जमशेदपुर झारखंड )


ओ बिटिया मेरी
तू हंसती रहे
फूलों सी हरदम खिलती रहे
तू जब दौड़े इस आंगन में
झंकार खुशी की मिलती रहे

ओ बिटिया मेरी
ओ बिटिया मेरी
आंखों में तेरी
सपनों की नगरी सजती रहे
पूरे हों हर अरमान तेरे
आहट कदमों की बजती रहे

ओ बिटिया मेरी
तू आगे बढ़े
न कदम तेरे कोई रोक सके
हरदम हम सब है साथ तेरे
कोई तुझको कभी ना टोक सके

ओ बिटिया मेरी है
तू जान मेरी
हर पल यह तुझको याद रहे
तू लाखों में एक बने
एक दिन तू ऐसा नेक बने

नीलम पाठक ठाकुर
जमशेदपुर, झारखंड

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