जहन मे याद तुम्हारी भी है ।।
थोडी दुनिया दारी भी है।।
करता हूँ सम्मान सभी का,
औ दिल मे खुद्दारी भी है.।।
बच्चों की मुस्कान समझ लो,
ये ईश्वर की फुलवारी भी है ..
यूँ लगता है मिलकर तुमसे
परिचय भी है यारी भी है
इश्क के सौदे कैश न होते
इसमे बहुत उधारी भी है
इक दूजे के खातिर हैं हम
क्या ये राय तुम्हारी भी है
समीर द्विवेदी 'नितान्त' , ( कन्नौज , उत्तर प्रदेश )
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