हिम्मत
चलते रहो निरंतर,
बहती धारा तुम बनो ।
खुले अंबर को चूम लो,
ऐसी उड़ान तुम भरो ।।
सपनों को साकार करो,
कंटक पथ स्वीकार करो ।
इतिहास को रचने वाले,
अथक तुम प्रयास करो ।।
जीवन की कश्ती को,
हर बाधा से पार करो ।
राह अवरुद्ध बने जो,
हिम्मत से पार करो ।।
जीवन है बाधाओं से
पांव में चुभते कांटो से ।
जीना है यदि खुशी-खुशी,
सबक सीखना भुलों से ।।
रेणु शर्मा, जयपुर ( राजस्थान )
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