दिनांक 17 मई 2020, संध्या 5:30 बजे
" राष्ट्र चेतना पत्रिका " के फेसबुक पेज से लाइव आ रहें हैं वरिष्ठ कवि एवं पूर्व राजभाषा अधिकारी आदरणीय शीलेन्द्र कुमार वशिष्ठ जी आदरणीय शीलेन्द्र कुमार वशिष्ठ जी को रावण वध काव्य खंड के लिए गत वर्ष सम्मानित किया गया आदरणीय आपको हार्दिक बधाई आदरणीय आपको सुनना हमेशा से स्वयं में एक अवसर होता है 💐तो आइए दोस्तों स्वागत करें ....
" राम नाम गाओगे तो मोक्षधाम पाओगे
राम को नकारोगे तो धूल चाट जाओगे "
के रचयिता आदरणीय शीलेन्द्र कुमार वशिष्ठ जी का ....
कृपया अधिक से अधिक उपस्थिति से इस साहित्य संध्या को एक नई गरिमा प्रदान करें ....
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कृप्या आप सभी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनें और अपने मित्रों को भी सहभागिता हेतु प्रेरित करें।
सादर
राष्ट्र चेतना पत्रिका
श्री शीलेन्द्र कुमार वशिष्ठ का जन्म 14 मार्च 1954 को कस्बा सहपऊ, जिला हाथरस (उ०प्र०) में पं० वेदराम शर्मा और श्रीमती कस्तूरी देवी के ज्येष्ठ पुत्र के रूप में हुआ था। आपने हाईस्कूल 1971 (प्रथम श्रेणी) और बी.टी.सी. 1973 (प्रथम श्रेणी) में उत्तीर्ण कीं और एक जू०हा० में शिक्षण कार्य किया। इंटरमीडिएट- 1975 (द्वितीय श्रेणी) और बी०ए०-1977 (प्रथम श्रेणी) में प्राइवेट विद्यार्थी के रूप में परीक्षाएं उत्तीर्ण कीं।
- आपने आगरा कालेज, आगरा से नियमित विद्यार्थी के रूप में वर्ष 1979 में एम.ए. (हिन्दी साहित्य) की परीक्षा में आगरा विश्वविद्यालय में सर्वोच्च स्थान पाकर राज्यपाल महोदय से 2 स्वर्ण पदक प्राप्त किए।
- आपने 11 वर्ष की उम्र से काव्य-सृजन प्रारम्भ किया जो अनवरत जारी है। आपकी प्रकाशित पुस्तकें हैं -
1. रावण-वध (खण्डकाव्य) : उ०प्र० हिन्दी संस्थान द्वारा रु० 50 हजार की राशि के साथ जयशंकर प्रसाद पुरस्कार-2017 से पुरस्कृत।
2. 'यज्ञ नहीं है पूर्ण' (काव्य-संग्रह) : संस्था कादम्बरी, जबलपुर (म०प्र०) द्वारा सरस्वती सम्मान रु.5100/- से तथा पंजाब नैशनल बैंक, प्रधान कार्यालय, नई दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर रु. 8000/- की राशि से पुरस्कृत।
3. 'सरिता' (प्रेमकाव्य) 4. 'चक्र सुदर्शन अॅंगुली पर' (भक्ति काव्य- गीता के श्लोकों का भावानुवाद)
5. 'मन की यात्रा' (कविता-संग्रह) 6. 'क्रन्दन' (करुणा और पौरुष का काव्य) 7. 'भक्ति-दर्शन' 8. भजन-प्रदीपिका 9. वन्दे मातरम् 10. दधीचि (अप्रकाशित खण्डकाव्य) 11. वीर शिवाजी (अप्रकाशित खण्डकाव्य)। 12. एक दर्जन से अधिक साझा संकलनों में रचनाएं प्रकाशित। कविता, निबन्ध, समीक्षा, यात्रा-वृत्तान्त, संस्मरण, साक्षात्कार, सम्पादन आदि से संबंधित लगभग दो दर्जन अप्रकाशित पुस्तकें।
- आपकी सुदीर्घ साहित्यिक सेवाओं के लिए आपको सनेही सम्मान (नोएडा), अनुरंजिका सम्मान (कानपुर), भारतेन्दु हरिश्चन्द्र सम्मान (कोटा), तुलसी सम्मान (भोपाल), सम्पादक रत्न सम्मान (श्री नाथद्वारा), गौर-गौरव सम्मान (कोरबा, छत्तीसगढ़), हिन्दी शिरोमणि सम्मान (चेन्नई), हिन्दी-सेवी सम्मान (मुंबई), शकुन्तला साहित्य सम्मान (झाॅंसी), पं० कृष्णानन्द हुण्डैत सम्मान (ललितपुर), इंदीवर सम्मान (झाॅंसी), पं० मदन मोहन मालवीय सम्मान (आगरा), नागरी प्रचारिणी सभा, आगरा द्वारा नागरिक अभिनन्दन। धौलपुर, मथुरा, वृन्दावन, हाथरस, अलीगढ़, बाॅंदा आदि अनेक नगरों की 250 से अधिक संस्थाओं द्वारा आपका सारस्वत सम्मान और अभिनन्दन किया गया है।
- आप सन् 1994 से साहित्यिक संस्था "चर्वणा" का संचालन और सन् 2002 से साहित्यिक पत्रिका "चर्वणा" का सम्पादन कर रहे हैं।
- आपने लगभग 2000 से अधिक कवि-सम्मेलनों में काव्य पाठ किया है। लगभग 2500 साहित्यिक एवं राजभाषा सेमिनारों में समीक्षाएं प्रस्तुत की हैं अथवा व्याख्यान दिए हैं। आकाशवाणी केन्द्र गोरखपुर, कानपुर, झाॅसी, पोर्टब्लेयर और आगरा से कविताओं का नियमित प्रसारण । साहित्यिक-सामाजिक गतिविधियों, दूरदर्शन और समाचार पत्रों में सक्रिय हैं।
- जून 1980 से फरबरी 1985 तक एन.एस.एस.ओ. भारत सरकार में हिन्दी अनुवादक। 25 फरबरी 1985 से पंजाब नैशनल बैंक में राजभाषा अधिकारी। 31 मार्च 2014 को सेवा-निवृत्त होकर अब अपने आवास "काव्यधाम" में साहित्य-सेवा में समर्पित हैं।
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