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भगत सिंह
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भगत सिंह
भगत सिंह

“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Wednesday, February 27, 2019

उमा सिंह किसलय

उमा सिंह किसलय


उमा सिंह किसलय

नाम  - उमा सिंह किसलय
जन्म - 22 दिसंबर
जन्म स्थान - मुजफ्फरपुर
माता - शांति देवी
पिता - एच .आर.एस किसलय
शिक्षा - स्नातकोत्तर हिंदी , B.Ed (गुजरात यूनिवर्सिटी ) , शोधार्थी (रांची विश्वविद्यालय)
कार्यरत - प्राचार्य  जेवियर इंग्लिश स्कूल सरायकेला
प्रकाशन - खेल खेल में बाल गीत एवं कविताएं
संप्रति - कार्यकारिणी सदस्य दिनकर परिषद , संगठन मंत्री अखिल भारतीय साहित्य परिषद, अध्यक्ष नारायणी साहित्य अकादमी जमशेदपुर इकाई
विधा - गद्य एवं पद्य दोनों (कविता कहानी लेख व्यंग्य समीक्षा बाल गीत एवं नाटक)
विशेष रूचि - सामाजिक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेना एवं इससे संबंधित कार्यक्रम ,सभा ,गोष्ठी, कार्यशाला का  आयोजन, प्रखर वक्ताओं को सुनना एवं विद्वत जनों के साथ साहित्य विमर्श करना ,सशक्त एवं धारदार रचना धर्मिता के माध्यम से व्यक्ति विशेष में मर्यादित संवेदना का संचार करते हुए वैचारिक  भाव- बोध की चेतना  पैदा करना ।

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