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भगत सिंह
भगत सिंह
भगत सिंह
भगत सिंह

“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Monday, June 17, 2019

गरजतीं हों जहाँ तोपें - ( कुमार बसन्त )

गरजतीं हों जहाँ तोपें ,
हवा की महक बारूदी हो,
मचले रक्त धमनियों में,
जैसे दरिया तुफानी हो,
हो महाकाल का तांडव जहाँ,
रण चंडी उधम मचाती हों,
है वही मेरा प्रवास स्थल,
मैं उसके हीं प्रेम-पाश बँधा,
जहाँ विजय या वीरगति के संग,
गुँजे नभ मे जय जय ही सदा...।।।।

कुमार   बसन्त

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