किसे कहतें है आजादी,
कहाँ आजाद हम बाबु,
कि दर दर को भटकतें हैं,
लिए फरियाद हम बाबु,
क्या बेजा हुईं कुर्बानी,
उन सरफरोश शहीदों की,
कि जिनकी हुंकार से हिलती थी
फिरंगी सरकार तक बाबु.।।
कुमार बसन्त
कहाँ आजाद हम बाबु,
कि दर दर को भटकतें हैं,
लिए फरियाद हम बाबु,
क्या बेजा हुईं कुर्बानी,
उन सरफरोश शहीदों की,
कि जिनकी हुंकार से हिलती थी
फिरंगी सरकार तक बाबु.।।
कुमार बसन्त
No comments:
Post a Comment