क्यों आरजू को रौनक़े बाजार कर दिया ******************************
क्यों आरजू़ को रौनक़े बाज़ार कर दिया,
हर ख़्वाब मेरा आपने मिस्मार कर दिया।
करती है तार तार मेरी रूह का लिबास,
ख़्वाहिश को तेज़ धार की तलवार कर दियाl
समझा है हर सितम को सितम मैनें आख़िरी,
फिर क्यों नया सितम ही हरिक बार कर दिया
तेरे करम पे जानो ज़िगर दिल लुटा दिया,
चाहत ने मेरी मुझको गुनहगार कर दिया।
हमआशना समझ के जिन्हें दिल मे दी जगह,
किसने ज़फ़ा का उनको वफ़ादार कर दिया।
दुनिया की गर्दिशों ने, तुम्हारे सुलूक ने,
मासूम एक तिफ्ल को अय्यार कर दिया।
ज़ख्मों का दर्द सहने से बेहतर है भूलना,
दिल से नया ये दिल का ही उपचार कर दिया।
जन्मों के इंतज़ार का 'सोनी' मिला सिला,
उसने ग़मे हयात को त्योहार कर दिया।
सोनी सुगंधा
क्यों आरजू़ को रौनक़े बाज़ार कर दिया,
हर ख़्वाब मेरा आपने मिस्मार कर दिया।
करती है तार तार मेरी रूह का लिबास,
ख़्वाहिश को तेज़ धार की तलवार कर दियाl
समझा है हर सितम को सितम मैनें आख़िरी,
फिर क्यों नया सितम ही हरिक बार कर दिया
तेरे करम पे जानो ज़िगर दिल लुटा दिया,
चाहत ने मेरी मुझको गुनहगार कर दिया।
हमआशना समझ के जिन्हें दिल मे दी जगह,
किसने ज़फ़ा का उनको वफ़ादार कर दिया।
दुनिया की गर्दिशों ने, तुम्हारे सुलूक ने,
मासूम एक तिफ्ल को अय्यार कर दिया।
ज़ख्मों का दर्द सहने से बेहतर है भूलना,
दिल से नया ये दिल का ही उपचार कर दिया।
जन्मों के इंतज़ार का 'सोनी' मिला सिला,
उसने ग़मे हयात को त्योहार कर दिया।
सोनी सुगंधा
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