मालिक यहाँ
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ना ही तुझसा कोई यार मालिक यहाँ
ना ही तुझसा मददगार मालिक यहाँ !
जब भी ड़ूबे भँवरं में सफीना मेरा
ना ही तुझसा है पतवार मालिक यहाँ !!
दिल से जुडता मेरा जब तेरा तार है
उस घड़ी आने को तू तो तैयार है
तुम चले आना जब भी पुकारू तुम्हें
ना ही तुझसा तलबगार मालिक यहाँ !!
जीव को जीव से तुम ज़िलाते रहे
हर कदम से कदम को मिलाते रहे
देवता भी तरसते हैं जिस देह को
ना ही तुझसा रहमगार मालिक यहाँ !!
काम ज़ितना किया नाम उतना हुआ
नाम से ज्यादा बदनाम. उतना हुआ
है ज़माने का दस्तूर क्या कीजिये
ना ही तुझसा शरमसार मालिक यहाँ !!
बैर को बैर से जीत पाना कठिन
प्यार होता सरल ये जताना कठिन
सिर्फ दानी हो दाता की मूरत लिये
ना ही तुझसा करजदार मालिक यहाँ !!
इस जहाँ में जहां को ज़हाँ चाहिये
जान हिम्मत जमी आसमा चाहिये
ऐशो आराम की ज़िन्दगी हम ज़ियें
ना ही तुझसा है दिलदार मालिक यहाँ !!
'सोनी' की आरजू सिर्फ मानव बनूँ
कर्म अच्छा करूँ ना मैं दानव बनूँ
खींच दो भाग्य रेखा को यूँ उस तरह
ना ही तुझसा कलमकार मालिक यहाँ !!
सोनी सुगंधा
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ना ही तुझसा कोई यार मालिक यहाँ
ना ही तुझसा मददगार मालिक यहाँ !
जब भी ड़ूबे भँवरं में सफीना मेरा
ना ही तुझसा है पतवार मालिक यहाँ !!
दिल से जुडता मेरा जब तेरा तार है
उस घड़ी आने को तू तो तैयार है
तुम चले आना जब भी पुकारू तुम्हें
ना ही तुझसा तलबगार मालिक यहाँ !!
जीव को जीव से तुम ज़िलाते रहे
हर कदम से कदम को मिलाते रहे
देवता भी तरसते हैं जिस देह को
ना ही तुझसा रहमगार मालिक यहाँ !!
काम ज़ितना किया नाम उतना हुआ
नाम से ज्यादा बदनाम. उतना हुआ
है ज़माने का दस्तूर क्या कीजिये
ना ही तुझसा शरमसार मालिक यहाँ !!
बैर को बैर से जीत पाना कठिन
प्यार होता सरल ये जताना कठिन
सिर्फ दानी हो दाता की मूरत लिये
ना ही तुझसा करजदार मालिक यहाँ !!
इस जहाँ में जहां को ज़हाँ चाहिये
जान हिम्मत जमी आसमा चाहिये
ऐशो आराम की ज़िन्दगी हम ज़ियें
ना ही तुझसा है दिलदार मालिक यहाँ !!
'सोनी' की आरजू सिर्फ मानव बनूँ
कर्म अच्छा करूँ ना मैं दानव बनूँ
खींच दो भाग्य रेखा को यूँ उस तरह
ना ही तुझसा कलमकार मालिक यहाँ !!
सोनी सुगंधा
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