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भगत सिंह
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“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Monday, June 17, 2019

नमन तुम्हें हे राष्ट्र सपूतों - ( सोनी सुगंधा )

नमन तुम्हें हे राष्ट्र सपूतों

नमन तुम्हें हे राष्ट्र सपूतों ,
नमन तुम्हारी कुर्बानी को !
देश  प्रेम को श्रेष्ठ मानकर ,
जान लुटा दी शीश तानकर 
नमन तुम्हारी मर्दानी  को ll
नमन तुम्हें हे राष्ट्र सपूतों ,
नमन तुम्हारी कुर्बानी को !

सोनी सुगंधा

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