भगत तुम्हारे विश्वसों पर
खरा न कोई मिलता है
स्वप्न आजाद सा लेकर
नही कोई वीर निकलता है
सियासत आज मजहब की
हुई देवदासी सी लगती है
मौत उधम सी पाने को
नही कोई मन मचलता है.....।
कुमार बसन्त
खरा न कोई मिलता है
स्वप्न आजाद सा लेकर
नही कोई वीर निकलता है
सियासत आज मजहब की
हुई देवदासी सी लगती है
मौत उधम सी पाने को
नही कोई मन मचलता है.....।
कुमार बसन्त
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