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भगत सिंह
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“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा”

“…व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।”

“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”

“महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।”

Thursday, February 11, 2021

डॉ कन्हैयालाल गुप्त किशन देवरिया, उत्तर प्रदेश : रिक्तता

रिक्तता

जीवन के इस दौर में आ गयी है रिक्तता,
संबंध अपने अर्थ खोने लग गये है,
पदों की मर्यादा दांव पर लगी है,
सामाजिकता में आँच सी लगी है,
भौतिकता हावी होने लगी है,
मानवता का अब कोई मोल नहीं रहा है,
दानवता तरह तरह के रूप ले पाव पसार रही है,
इस रिक्तता को भरने हे प्रभु तुम्हें आना ही होगा,
अपना किया गया वादा मानवता से निभाना ही होगा,
सृष्टि के इस असंतुलन को संतुलित करना ही होगा,
मानवता का गिरता हुआ ये त्रास हरना ही होगा,
तभी रिक्तता गूंजायमान होगी, 
सृष्टि में पुनः हास-परिहास होगी.

डॉ कन्हैयालाल गुप्त किशन देवरिया, उत्तर प्रदेश

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